अग्रवालो के 18 गौत्रों का विवरण

अग्रवालो के 18 गौत्रों का विवरण

Jan 10, 2023

महाराजा अग्रसेन जी ने 18 महायज्ञ आयोजित किए। उस युग में यज्ञ करना तथा उसमें सफलता प्राप्त करना सम्मानता का प्रतीक माना जाता था।अंतिम यज्ञ के समय महाराजा अग्रसेन जी ने देखा कि बलि के लिए लाए जा रहे पशु बलि के स्थान पर आगे बढऩे की बजाय पीछे हट रहे हैं। महाराजा अग्रसेन के मन में पशुओं के प्रति करुणा उत्पन्न हुईऔर उन्होंने इस अंतिम यज्ञ में पशु बलि केस्थान पर श्रीफल की पूर्ण आहुति दी।यह परम्परा आज भी चालू है। उन्होंने अपने राज्य में पशु वध पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया तथा सभी को अहिंसा का पाठ पढ़ाया।

महाराजा अग्रसेन जी के 18 पुत्र थे। उन्होंने 18 महायज्ञों में राजकुमारों के साथ बैठे 18 गुरुओं के नाम पर 18 गौत्रों की स्थापना की।आज महाराजा अग्रसेन का अग्रवाल समुदाय इन 18 गौत्रों में विभक्त कर एक सभ्य, सुसंस्कृत और मजबूत मानवीय समाज की आधारशिला रखी। ये 18 गौत्र गीता के 18 अध्यायों की भांति अलग-अलग होकर भी एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। महाराजा अग्रसेन नेअपने राज्य को 18 जनपदों में विभक्त करअपने एक-एक पुत्र को उसकाअ धिशासी बनाया तथा विश्व में सर्वप्रथम लोकतांत्रिक प्रणाली का शुभारंभ किया।

अग्रवालोके 18 गौत्रोंकाविवरण

क्रमांक

गौत्र

गौत्राधिपति

ऋषि

वेद

शाखा

प्रवर

सूत्र

1

गर्ग

पुष्पदेव

गर्ग

युजर्वेदी

माधुनी

पञ्च

कात्यायनी

2

गोयल

गेंदुमल

गोभिल

युजर्वेदी

माधुनी

त्रिप्रवर

कात्यायनी

3

कुच्छल

करणचंद

कश्यप

सामवेदी

कोत्थमी

त्रिप्रवर

गोभिल

4

कंसल

मणिपाल

कौशिक

यजुर्वेदी

माधुनी

त्रिप्रवर

कात्यायनी

5

बिन्दल

वृंददेव

वशिष्ठ

युजर्वेदी

माधुनी

त्रिप्रवर

कात्यायनी

6

धारण

ठावणदेव

धौम्य

युजर्वेदी

माधुनी

त्रिप्रवर

कात्यायनी

7

सिंघल

सिधुपति

शांडिल्य

सामवेदी

कोत्थमी

त्रिप्रवर

गौतम

8

जिन्दल

जैत्रसंघ

जैमिनी

जुर्वे

माधुनी

त्रिप्रवर

कात्यायनी

9

मित्तल

मंत्रपति

मैत्रेय

जुर्वे

माधुनी

त्रिप्रवर

कात्यायनी

10

तिगंल

तम्बोलकर्ण

ताड़व

जुर्वे

माधुनी

त्रिप्रवर

कात्यायनी

11

तायल

ताराचंद

तैतिरेय

कृष्णयजूर

आयुस्तभ

त्रिप्रवर

कात्यायनी

12

बंसल

वीरभान

वत्स

सामयजुर

कोत्थमी

त्रिप्रवर

गोभिल

13

भन्दल

वासुदेव

धन्यास

युर्जवेदी

माधुनी

त्रिप्रवर

कात्यायनी

14

नांगल

नारसेन

नागेंद्र

सामवेद

कोत्थमी

त्रिप्रवर

गोभिल

15

मंगल

अमृतसेन

मांडव्य

यजुर्वेदी

शाकल्य

त्रिप्रवर

अश्वालयन

16

ऐरण

इन्द्रमल

और्व

यजुर्वेदी

माधुनी

त्रिप्रवर

कात्यायनी

17

मधुकुल

माधवसेन

मुद्गल

यजुर्वेदी

शाकल्य

त्रिप्रवर

अश्वालायन

18

गोयन

गोधर

गौतम

यजुर्वेदी

माधुनी

त्रिप्रवर

कात्यायनी